प्रिय मित्रों,
सादर नमस्कार!!
आज मैं आपको गुजरात के अहमदाबाद से
मात्र 80 किलोमीटर की दूरी पर एक ऐसी जगह पर ले कर चल रहा हूँ, जिसका इतिहास करीब
4200 वर्ष पुराना है, इसका नाम है “लोथल” इस शब्द का निर्माण दो शब्दों लो और थल
के संगम से हुआ है जिसका शाब्दिक अर्थ है “मृत्यु का स्थान”. इसका संबंध सिन्धु घाटी
सभ्यता से है. इतिहासकारों का मत है की “लोथल” सिन्धु घाटी सभ्यता के समय का ना
केवल सबसे प्रमुख बंदरगाह बल्कि, ये दुनिया का सबसे पुरातन बंदरगाह भी था. इस
स्थान की खुदाई प्रोफेसर एस आर राव की देख रेख में वर्ष 1955 से 1962 के दौरान की
गयी थी. इसी खुदाई से दुनिया को इस स्थान के महत्व का पता चला. खुदाई में पक्की
ईंटों से बने स्नानागार, ढकी हुई नालियाँ, स्वच्छ जल के कुएँ, जलाशय नुमा गोदी और
माल गोदाम भी निकले.
वर्ष 1976 में यहाँ एक म्यूजियम की
स्थापना की गयी जिसमे यहाँ खुदाई में मिली कई वस्तुएं जैसे की पुराने मिटटी के
बर्तन, हाथी दांत से बना सामान, मनके, मुद्रा एवं मुद्रांकन आदि प्रदर्शित की गयी
हैं. म्यूजियम में कुल तीन गैलरियों में विभाजित किया गया है. लोथल के निर्माण में
इस्तेमाल की गयी इंटें आज भी सही सलामत हैं. लोथल का व्यापार अफ्रीका और पश्चिम
एशिया तक फैला हुआ था.
तो इतिहास के पन्ने पलट कर आपको
कैसा लगा???
Good to read.
ReplyDeleteThank u Bhaiya
DeleteGood information for history lovers
ReplyDeleteThank u Nayan Tara ji
DeleteIt is amazing to know how developed this ancient civilisation was. A good read Rishi.
ReplyDeleteThanks a lot Rachna ji
Deleteamazing.....is the only world left to describe....
ReplyDeleteThanks a lot Meenakshi ji
Deleteलोथल एक बंदरगाह हुआ करता था... आज भी अगर सैटेलाइट से देखें तो छोटे रन से खंभात की खाड़ी तक समुद्र या नदी जैसे अवशेष दिखायी देते हैं। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद इस स्थान के बारे में बताने के लिये...
ReplyDeleteनीरज जी आपका धन्यवाद, आप स्वयम एक प्रख्यात ब्लॉगर हैं, मेरे ब्लॉग को देखने और कमेंट करने के लिए आपका धन्यवाद.
ReplyDelete