Thursday 8 December 2016

रोहतांग दर्रा और ब्यास नदी का उद्गम स्थल

प्रिय मित्रों

सादर नमस्कार !!

आज मैं पुन: उपस्थित हूँ, आपको भारत की एक नई जगह की सैर करवाने के लिए. आज आपको ले कर चलता हूँ, हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे और ब्यास कुंड, जो मनाली से लगभग 51 किलोमीटर की दूरी पर है. महर्षि वेद व्यास जी की तपस्थली कहलाने वाला, रोहतांग, हिमालय पर्वत श्रृंखला के “पीर पंजाल” श्रेणी में आता है, जिसकी ऊंचाई 13058 फीट है., और ये अपने आलौकिक सौन्दर्य के लिए बहुत विख्यात है. यहाँ से पूरे साल ही बर्फ के नज़ारे लिए जा सकते हैं. इसीलिए मनाली से आने वाले पर्यटकों का, विशेषकर गर्मियों में, यहाँ ताँता लगा रहता है. रोहतांग एक तरह से हिमाचल प्रदेश की दो मुख्य घाटियों कुल्लू मनाली और लाहौल स्पिति को आपस में जोड़ता है. लेह से मनाली का रूट भी यहीं से हो कर जाता है, जो किसी स्वर्ग के नज़ारे से कमतर नहीं है. पर ये रूट केवल मई से नवम्बर के बीच ही खुलता है.


अब मैं आपको ब्यास नदी के स्रोत पर ले कर चलता हूँ. ब्यास नदी, रोहतांग में ब्यास कुंड से निकलती है. ऐसा माना जाता है की ब्यास नदी का पृथ्वी पर अवतरण महर्षि वेद व्यास जी की तपस्या का परिणाम था. उन्होंने 12 वर्ष तक यहाँ तपस्या कर इस नदी का अवतरण किया था. ब्यास नदी की कुल लम्बाई 470 किलोमीटर है. यहाँ से निकलने के बाद इसका मिलन सतलुज के साथ, पंजाब के कपूरथला जिले में “हरिके” नामक स्थान पर हो जाता है. अगस्त 2016 में मुझे इन दो नदियों का मिलन देखने का सुअवसर मिला. सतलुज आगे जा कर पंजाब के “फिरोजपुर” से पाकिस्तान में प्रवेश कर जाती है. पाकिस्तान में सतलुज और चेनाब का मिलन हो जाता है और फिर अंत: मिठानकोट नामक स्थान पर ये सभी नदियाँ सिन्धु में मिल जाती हैं.   








9 comments:

  1. बहुत बढ़िया जानकारी सर जी...

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    1. आपका बहुत बहुत धन्यवाद नीरज जी

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  2. Very informative and interesting. Beautiful place to visit.

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  3. Very informative and interesting. Beautiful place to visit.

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  4. Sir, very magnificent place & significant info.. lots of thanx 4 sharing..

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  6. It's an excellent piece of information. MaKing the place more lively and pixtureisque

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