प्रिय मित्रों
सादर नमस्कार !!
आज मैं पुन: उपस्थित हूँ, आपको भारत की एक नई
जगह की सैर करवाने के लिए. आज आपको ले कर चलता हूँ,जबलपुर, मध्य प्रदेश से 19
किलोमीटर दूर “भेडा घाट”. ऋषि भृगु की तपस्थली कहलाने वाला भेडा घाट नर्मदा नदी के
अलौकिक सौन्दर्य के लिए विख्यात है. कुछ समय पहले यहाँ रोप वे लगाया गया है जिससे
यहाँ का रूप निहारने का आनंद ही आ जाता है. इसके अलावा मार्बल के सफ़ेद पहाड़ों के
बीच नौकायान करना किसी के लिए भी भूल पाना कठिन काम है., विशेषकर, चांदनी रात में
यहाँ की प्राकृतिक छठा देखने लायक होती है. कुछ जगह तो दो पहाड़ों के बीच की दूरी
इतनी कम हो जाती के बन्दर इधर से उधर उछल कर नदी को पार कर लेते हैं. भेडाघाट निजी
तौर पर पसंदीदा जगह है.
नर्मदा को मध्य भारत की गंगा
कहा जाता है। शिव के प्रकृतिक रूप में शिवलिंग नर्मदा के कण कण में व्यापत है।
नर्मदा नदी का उदगम स्थल यहाँ से 327 किलोमीटर पहले अमरकंटक नाम स्थान पर है जो मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के
बार्डर पर पड़ता है। यहाँ जाने का सौभाग्य मुझे 2004
में प्राप्त हुआ। नर्मदा, ताप्ति और माहि तीन ऐसी नदियाँ हैं जो पूरब से पश्चिम की
और बहती हैं. इनमें नर्मदा सबसे लम्बी है.
1312 किलोमीटर की लम्बाई होने की वजह से नर्मदा, गंगा और गोदावरी के बाद भारत की तीसरी सबसे लम्बी है. नर्मदा की गणना भारत की सात सबसे पवित्र नदियों में की जाती है. अन्य छ: हैं गंगा, यमुना, सरस्वती, सिन्धु, कावेरी एवं गोदावरी. नर्मदा भरूच के पास भाड़भूत नामक स्थान पर अरब सागर में मिलती है. सौभाग्यवश, मुझे दोनों ही स्थानों, यानि की अमरकंटक और भरूच जाने का मौका मिल चुका है. यकीन मानिये आपको यह जगह अवश्य ही पसंद आएगी.