Sunday 5 August 2018

लन्दन में क्रांतिकारियों के तीर्थ "इंडिया हाउस" पर नमन

प्रिय मित्रों
सादर नमस्कार


चंद दिनों बाद हमारे साथ साथ पूरा देश आज़ादी की 72वीं वर्षगांठ मना रहा होगा, अगस्त का महीना चढ़ते ही आजादी के पर्व को धूम धाम से मनाने की तैयारियाँ ज़ोर पकड़ने लगती हैं. आज मैं आपको एक ऐसे स्थान की जानकारी दे रहा हूँ जिसका देश को आज़ाद करवाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है.

आज मैं आपको उत्तरी लन्दन के हाईगेट इलाके में स्थित 65 “क्रोमवेल एवेन्यू” पर ले कर चल रहा हूँ, जिसे हम भारत वासी इंडिया हाउस के नाम से जानते हैं. इंडिया हाउस लन्दन में भारतीय क्रांतिकारियों का मुख्य केंद्र था जहाँ देश को आजादी दिलवाने के लिए नित नई योजनाएं बनती. श्याम जी कृष्ण वर्मा के बारे में तो आप सभी जानते ही हैं, वर्ष 1897 में श्याम जी कृष्ण वर्मा लन्दन आ गए और अपनी कमाई दौलत से यहाँ हाईगेट क्षेत्र में एक मकान खरीद लिया.
वर्ष 1905 में श्याम जी कृष्ण वर्मा ने 65, “क्रोमवेल एवेन्यू” को ख़रीद लिया और इसका नाम “इंडिया हाउस” रख दिया, जिसका अधिकारिक रूप से 10 जुलाई 1905 को उद्घाटन किया गया. उद्घाटन के समय देश के जाने माने स्वतंत्रता सेनानी दादा भाई नौरोजी, लाला लाजपत राय, लाला हंसराज इत्यादि शामिल हुए. इंडिया हाउस के दरवाजे भारत से आने वाले हर भारतीय के लिए खुले होते थे. यहाँ देशभक्तों की नियमित रूप से बैठकें होती थीं, जिसमे देश को शीघ्र अति शीघ्र आज़ाद करवाने के लिए यथा संभव प्रयास होते थे.

 1906 में वीर सावरकर और मदन लाल ढींगरा भी लन्दन पहुँच गए और इंडिया हाउस के संपर्क में आ गए. मैडम भिकाजी कामा भी इंडिया हाउस नियमित रूप से आती जाती रहती थीं. हर इतवार को यहाँ विशेष कार्यक्रम का आयोजन होता था जिसमें सभी देशभक्त क्रन्तिकारी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते थे. इस इतिहासिक धरोहर के दर्शन करना मैं अपना सौभाग्य मानता हूँ.
वर्ष 2016 में मुझे कच्छ (गुजरात) के मांडवी जाने का भी मौका मिला जहाँ श्याम जी कृष्ण वर्मा का जन्म हुआ था. आज उस स्थान को क्रांति तीर्थ के नाम से जानते हैं. तब मैंने वहां इंडिया हाउस के अनुकृति देखी थी. मुख्य भवन को इंडिया हाउस जैसा ही बनाया गया है. उस समय मेरे मन में बरबस ही ये इच्छा जागृत हुई की काश मुझे भी एक दिन लन्दन में बने इंडिया हाउस को देखने का सौभाग्य मिले, और फिर जून 2018 में इश्वर ने मुझे ये मौका दे ही दिया.

आशा है आप सब भी अपनी कॉलोनी में 15 अगस्त को तिरंगा फेहराने व् देश से जुड़े कुछ कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहे होंगे अगर नहीं बना रहे तो अवश्य बनायें और बच्चों को इस कार्यक्रम में अवश्य शामिल करें.


जय हिन्द. जय भारत.    





इंडिया हाउस, लन्दन 


इंडिया हाउस का नजदीकी मेट्रो "हाईगेट"

मांडवी, कच्छ गुजरात में बना क्रांति तीर्थ

लेखक क्रांति तीर्थ पर