प्रिय मित्रों
सादर नमस्कार !!
आज मैं पुन: उपस्थित हूँ, आपको भारत की एक ऐसी जगह
दिखाने जो 1971 की भारत और पाकिस्तान की जंग के दौरान बहुत चर्चा में रही और उस
जगह का नाम है लोंगेवाला. 4 से 7 दिसम्बर 1971 के बीच इस युद्ध को इस स्थान पर अंजाम
दिया गया. हुआ यूं के युद्ध के दौरान आज भारत
का ध्यान पूर्वी मोर्चे यानि की बांग्लादेश से हटाने के लिए पाकिस्तान ने जैसलमेर
से आगे लोंगेवाला की और अपनी सेना शुरू को बढाना शुरू कर दिया. उस समय लोंगेवाला
सेक्टर में भारत के केवल 120 सैनिक ही तैनात थे और पाकिस्तान के पास थे चीन द्वारा
दिए गए 45 टी 59 टैंक और 2000 सैनिकों की विशाल सेना, पर हौसले भारतीय जवानों के ही बुलंद थे.
पंजाब रेजिमेंट की और से मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी नियुक्त थे और यहाँ से 17
किलोमीटर आगे साडेवाला में लेफ्टिनेंट धरमबीर की तैनाती थी. पाकिस्तानी सेना ने
रात को धावा बोला था और रात में वायु सेना का प्रयोग नहीं हो सकता था। अतः यह बहुत
जरूरी था के किसी तरह रात में पाकिस्तानी सेना को सुबह तक रोके रखे. अगर चांदपुरी
पाकिस्तानी सेना को नहीं रोक पाते तो वो सुबह होने से पहले ही जैसलमेर हवाई पट्टी
तक पहुँच जाते और फिर जो काम वायु सेना ने अगले दिन कर के दिखाया था वो शायद कभी कर
के नहीं दिखा सकती थी, क्योंकि हवाई पट्टी ही अगर धवस्त हो जाती तो क्या करता. इसीसे
आप इस कार्य के महत्व का अंदाज़ा लगा सकते हैं.
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बीएसफ के जवानों के साथ रेगिस्तान की सैर |
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तनोत माता मंदिर में सुबह की आरती करते बीएसफ के जवान |
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बम्ब जो पाकिस्तान ने फेंके पर तनोत माता की कृपा से फटे ही नहीं |
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तनोत माता मंदिर परिसर |
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पाकिस्तानी टैंक जो हमने धवस्त कर दिया |
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भारत के परमाणु परीक्षणों की भूमि- पोखरण |
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भारत पाकिस्तान को विभाजित करती कंटीली तारे |
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जय हो तनोत माता जी की |
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भारत पाकिस्तान अंतिम सीमा चोकी के टावर पर |
अपनी
वीरता और शौर्य के दम पर 23 पंजाब रेगिमेंट ने इस काम को कर दिखाया और अपने इसी साहसिक कारनामों की
वजह से मेजर कुलदीप चांदपुरी को महावीर चक्र
प्रदान किया गया। इस युद्ध में भारतीय वायु सेना ने कमाल कर दिया फ्लाइट लेफ्टिनेंट बावा ने
अपने साथियों के साथ मिल कर विमानों से ऐसी अचूक बमबारी की जिससे दुश्मन हिल गया.
चंद घंटों में ही वायु सेना पूरे युद्ध की तस्वीर पलट कर रख दी. पाकिस्तान जहाँ
अपने 2000 सैनिकों के दम पर नाश्ता लोंगेवाला, दोपहर का खाना रामगढ, और रात्री भोजन जैसलमेर में
करने के मंसूब्वे बना रहा था उनको वायु सेना के जांबाज़ सिपाहियों ने चकनाचूर कर
दिया. पाकिस्तान ने सपने में भी नहीं सोचा था के चीन से मिले शक्तिशाली टी 59 टैंक
को भारतीय वायु सेना पल में ही दो फाड़ कर देगी. भारतीय सैनिकों की बहादुरी ने पाकिस्तान के 34 टैंक नेसतोनाबूद कर दिये। मशहूर फिल्म निर्माता जे॰पी॰दत्ता ने 1971 की जंग पर एक
फिल्म बनाई थी “बार्डर” जिसकी सारी कहानी यहीं पर आधारित थी।
इस फिल्म में जो किरदार सन्नी दियोल ने निभाया है असल ज़िंदगी में वो मेजर कुलदीप सिंह
चांदपुरी ने निभाया था। अपनी अभूतपूर्व वीरता के दम पर उन्होनें पाकिस्तान के दाँत
खट्टे कर दिये थे।
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युद्ध स्मारक लोंगेवाल |
मैंने यहाँ अगर तनोत माता क्षेत्र का जिक्र न किया गया तो वाकया अधूरा रह
जायेगा. सीमा के पास ही तनोत माता का मंदिर है और माँ की कृपा से इस परिसर में
पाकिस्तानियो ने जितने भी बम्ब गिराए एक भी नहीं फटा वो बम्ब आज भी जस के तस मंदिर
में रखे हुए हैं. यहाँ नियुक्त बॉर्डर सिक्यूरिटी फाॅर्स के जवान यही मानते हैं की
ये सब माता की कृपा थी जिससे उनकी और सभी क्षेत्र वासियों की जान बच पाई. यहाँ
माता के मंदिर की साड़ी व्यवस्था बी एस ऍफ़ के जवान ही करते हैं. इसी प्रांगन में एक
विश्राम गृह भी है जहाँ बी एस ऍफ़ के मेहमान आ कर ठहरते हैं. ऐसा सौभाग्य मुझे भी
वर्ष 2012 में प्राप्त हुआ. हमने रात्रि विश्राम इसी प्रांगन में किया और सुबह पांच
बजे होने वाली सुबह की पहली आरती में समिल्लित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. वहां
मौजूद सैनिकों ने हमें विस्तार से 1971 के युद्ध के वाक्य सुनाये और वो बम भी
दिखाए जो तनोत माता जी की कृपा से फटे
नहीं.
नाश्ता करके हम अंतराष्ट्रीय सीमा पर पहुँच गए
जो तनोट माता मंदिर से मात्र 12 कि॰मी॰ की दूरी पर है। बहुत तसल्ली से अंतराष्ट्रीय सीमा का अध्ययन किया और स्थानीय सैनिकों से बातचीत की। यहाँ आने के
लिए बीएसफ से विशेष अनुमति लेनी पड़ती है. राजस्थान के रेतीले क्षेत्र से
अंतराष्ट्रीय सीमा को देखना का यह पहला और अनूठा अनुभव था। टावर पर चढ़ कर
दूरबीन द्वारा भी मैंने पाकिस्तानी सीमा में देखा। वहाँ भी कुछ सैनिक दिखाई दिये। इसके पश्चात हम
लोंगेवाला सेक्टर में आ गए जहाँ हमने युद्ध समरक पर शहीदों को श्रद्दा सुमन अर्पित
किए. भारत द्वारा नेतोनाबूद किये गए टी ५९ टैंक आज भी यहाँ रखे हुए हैं . इन पर
चढ़कर बड़े फक्र के साथ हमने चित्र खिंचवाए. ये जगह वाकई देखने लायक है. तो कब आ रहे
हैं आप- लोंगेवाला और तनोत माता जी के दर्शन करने.
Great
ReplyDeleteThanks a lot
DeleteGreat
ReplyDeleteExceptional
ReplyDeleteThanks a lot
Deletegreat rishi well done
ReplyDeleteमुझे गर्व है मेरे पापा ने भी लोंगेवाले युद्ध में भाग लिया था
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