Friday 10 June 2016

नीलगिरी माउंटेन रेलवे की सैर

नमस्कार मित्रों, आज मैं आपको दक्षिण भारत में चलने वाली NMR यानि की निलगिरी माउंटेन रेलवे की सैर पर ले चलता हूँ. भारत में मुख्यतः पांच ऐसी रेलवे हैं जो की मैदानी भाग को पहाड़ी भागों से जोडती है. हमारे इतिहास की धरोहर ये रेलवे हैं :-
1. निलगिरी माउंटेन रेलवे (ऊटी-मेत्तुपलायम) 46 KM
2. दार्जीलिंग हिमालयन रेलवे (सिलीगुड़ी-दार्जीलिंग) 88 KM
3. काँगड़ा घाटी रेलवे (पठानकोट-जोगिन्दर नगर) 164 KM 
4. नेरुल-माथेरान 20 KM
5. कालका-शिमला 96 KM
माथेरान को छोड़ कर मुझे सभी में यात्रा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. खैर आज हम बात करेंगे निलगिरी माउंटेन रेलवे की. ये ऊटी से चलकर मेत्तुपलायम तक के सफ़र पर ले जाती है, इस यात्रा का हर एक क्षण यादगार क्षण होता है. वर्ष 1908 में अंग्रेजों द्वारा इसका परिचालन उदगमंडलम यानि ऊटी तक शुरू किया गया.
2005 में UNESCO ने इसको "वर्ल्ड हेरिटेज साईट" यानि विश्व सांस्कृतिक धरोहर घोषित किया. अपर लिखी सभी पाँचों प्रमुख रेलवे लाइनों में केवल NMR ही है जो की मीटर गेज पर चलती है, अपितु अन्य सभी नैरो गेज पर चलती हैं. हर डिब्बे केआखिर में गार्ड होता है जो गाडी को रोकने में सहायता करते हैं. मैंने अपनी यात्रा का कुछ हिस्सा गार्ड साहब के साथ बिताया जिससे इस यात्रा को और यादगार बनाने में मदद मिली. ऊटी से इसमें YDM का डीजल इंजन लगाया गया और फिर कुनूर से इसमें स्टीम इंजन जोड़ दिया गया. इस स्टीम इंजन को देखने के लिए न केवल देसी बल्कि बड़ी तादाद में विदेशी पर्यटक भी कुनूर स्टेशन पर एकत्रित थे. मैंने भी अपने बच्चों को रेलवे के स्वर्णिम इतिहास की झलक दिखाई. जिसको देख कर वो दंग रह गए.
कुछ स्थानों पर चढाई काफी खड़ी है जिसकी वजह से दो पटरियों के बीच में एक चैन लगा कर डिब्बों के साथ जोड़ा जाता है ताकि गाडी रोल बेक न हो सके. ये तकनीक भारत में किसी भी अन्य हिल रेलवे गाड़ियों में प्रयोग नहीं होती. इसी यात्रा में कुल 13 स्टेशन आते हैं. शाहरुख़ खान अभिनीत फिल्म दिल से का मशहूर गाना छैयाँ छैयाँ इसी निलगिरी माउंटेन रेलवे में फिल्माया गया था. वर्षों से इस क्षेत्र की पहचान NMR में अगर सवारी नहीं की तो यकीन मानिये आप अभी तक एक मजेदार रेल यात्रा के आनंद से वंचित हैं.











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