Friday, 18 August 2017

जापान में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के स्मारक रेंकोजी मंदिर में नमन

मित्रों आज 18 अगस्त है और कहा जाता है की आज ही के दिन वर्ष 1945 में ताइवान में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी का विमान दुर्घटना ग्रस्त हुआ था, यहाँ मैं पहले आप सभी को बता दूं के मेरा लक्ष्य केवल नेताजी को याद करने और और उनको ह्रदय से श्रधांजलि देने का है, क्यूंकि आज तक ये प्रमाणित नहीं हो पाया है कि नेताजी की मृत्यु इसी विमान दुर्घटना में हुई थी. 

जून में अपने टोक्यो (जापान) प्रवास के दौरान मैंने ये तय कर रखा था की नेताजी जी की याद में बने रेंकोजी मंदिर में मैं शीश नवाने अवश्य जाऊंगा. आख़िरकार लोगों से पूछता हुआ मैं इस पवित्र स्थल पर पहुँच ही गया. यहाँ आने वालों भारतीयों की सूचि में पंडित नेहरु, डाक्टर राजेन्द्र  प्रसाद, इंदिरा गाँधी और अटल बिहारी वाजपेयी सरीखे नेताओं के नाम प्रमुख है. भारत ही नहीं जापान में आज भी सुभाष बाबु को लोग बहुत सम्मान से याद करते हैं हर वर्ष उनके जन्मदिन 23 जनवरी को जापानी भारी संख्या में रेंकोजी में आते हैं और सुभाष बाबु को भावभीनी श्रधांजलि अर्पित करते हैं.  ये कहा जाता है की यहाँ नेताजी की अस्थियाँ एक कलश में रखी गयी हैं, इस बात की  पुष्टि हालाँकि मैं नहीं कर सकता. 

28 मार्च-30 मार्च वर्ष 1942 को टोक्यो के सानो होटल में "भारतीय स्वतंत्रा सम्मलेन" हुआ था जिसकी  अध्यक्षता रास बिहारी बोस ने की थी जिसमे उनके अलावा 18 अन्य भारतीय शामिल हुए थे. भारत को आज़ाद करवाने की ये बड़ी कोशिश थी. वर्ष 1942 के अंत में सुभाष बाबू भी जापान दौरे पर गए, सुभाष बाबू के जापानियों से प्रेम को सभी जानते हैं, जो सहयोग उनको जापान से मिला शायद ही किसी अन्य देश से मिला होगा. सुभाष बाबु का टोक्यो और जापान के अन्य कई भागों में आना हुआ था यहाँ तक की जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री हिडेकी तोजो से भी उनकी मुलाकात हुई थी. इसके बारे में विस्तार फिर कभी करूँगा. 

भारत माता के इस सच्चे सपूत को ऋणी देश का शत शत नमन. जय हिन्द जय भारत.




4 comments:

  1. Netaji ke liye..jaihind jaihind samayik jankari hetu dhanyawad sir

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  2. सटीक एवं संक्षिप्त विवरण।
    जापान में इसी सम्मेलन में ही आज़ाद हिंद फौज की स्थापना का विचार सर्वप्रथम रखा गया। आज़ादी की दृष्टि से यह सम्मेलन मील का पत्थर साबित हुआ।

    रेंकोजी मंदिर का साक्षी बनने के लिए साधुवाद ।।
    पुनश्च धन्यवाद आपका।।

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  3. आजाद भारत नेताजी शुभाष चंद्र बोश का आजीवन ऋणी रहेगा। ऐसे वीर सपूतों की बजह से हम आज विश्व मे एक अलग पहचान रखते है। कोटि कोटि नमन। सर जी ऐसे ही हम लोगो को रोचक जानकारी मिलती रहेगी ऐसी आशा रखता हूं। आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

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  4. Neta ji Ko shat shat Naman...

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