प्रिय मित्रों,
सादर नमस्कार !!!
आज मैं आपको यूनेस्को विश्व
विरासत में शामिल भारत वर्ष के ऐसे स्थान पर ले कर चल रहा हूँ जिसे देख कर आपको
अपने भारतीय होने पर गर्व की अनुभूति होगी, जी हाँ आज मैं आपको ले कर चल रहा हूँ महाराष्ट्र
के औरंगाबाद ज़िले में स्थित “एलोरा” की गुफाओं में. एलोरा को वेरुल के नाम से भी
जाना जाता है. प्राचीन भारतीय शिल्प कला का अद्भुत नमूना “एलोरा” की गुफाएं अवश्य
ही देखने लायक हैं. यहाँ कुल 34 गुफाएं हैं जिनकी उम्र 1400 वर्ष पुरानी है, जी
हाँ, सही पढ़ा 1400 वर्ष!! पांचवी से ग्याहरवीं सदी के बीच बनी इन गुफाओं की कुल संख्या
34 है. अपनी पाषण शिल्प स्थाप्त्य कला की वजह से वर्ष 1983 में इन गुफाओं को
यूनेस्को विश्व विरासत स्थल में स्थान दिया गया.
जिनमें 1 से 12 गुफाएं बौध
धर्म से सम्बंधित हैं और एलोरा के दक्षिणी भाग में स्थित हैं, इसके बाद 13 से 29 गुफाएं
हिन्दू धर्म से सम्बंधित हैं और एलोरा के मध्य भाग में स्थित हैं और अंत में 30 से
34 अंक की गुफाएं जैन धर्म से सम्बंधित हैं और एलोरा के उत्तरी भाग में स्थित हैं.
एलोरा में सबसे महत्वपूरण
संरचना गुफा संख्या 16 में बना कैलास मंदिर है, जिसकी गणना विश्व की सबसे बड़े विखंड
सरंचना यानि की “मोनोलिथिक स्ट्रक्चर” के रूप में होती है. इस कैलास मंदिर का
निर्माण एक बड़े पहाड़ को ऊपर से नीचे तराशते हुए किया गया है. कहा जाता है कि इस
मंदिर के निर्माण में करीब 200 वर्षों का समय लगा और 10 पीढ़ियों का जीवनकाल इसे
बनाने में समर्पित हो गया. ऐसा माना जाता है की कैलास मंदिर का निर्माण आठवीं शताब्दी
में राष्ट्रकूट राजाओं के वंशजों ने करवाया.
कैलाश मंदिर में बना विराट शिवलिंग |
Really great place in Indian history.
ReplyDeleteभारतीय सभ्यता संस्कृति काफी समृद्धशाली है। एलोरा की गुफाओं की सैर आपके ब्लॉग के माध्यम से तो हो गई, अब वास्तविक सैर की उत्कंठा चरम पर है।
ReplyDeleteआपका अशेष आभार
आप का आभार इस उत्कृष्ट जानकारी के लिये। धन्यवाद
ReplyDeleteTxs.for sharing nice information.Proud to be an INDIAN
ReplyDeleteWe should have the IPL, IFL, IHL, Kabbadi League teams all have one monument logo on their uniforms and they should promote that monument as a mascot so that the younger generation can take pride and popularise it in a significant way.
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