Tuesday 8 November 2016

दक्षिण भारत के कश्मीर- केरल के हिल स्टेशन "मुन्नार" की सैर

प्रिय मित्रों
सादर नमस्कार !!!
आज मैं पुन: उपस्थित हूँ, आपको एक नई जगह की सैर करवाने, ये एक ऐसी जगह है जिसे अपनी सुन्दरता की वजह से दक्षिण भारत का कश्मीर कहा जाता है, और इस जगह का नाम है “मुन्नार”.
मुन्नार केरल के इडुकी ज़िले में 1600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक हिल स्टेशन है, जो अपनी विविधता के दम पर विश्व भर में अपनी पहचान बना रहा है. मुन्नार की प्राकृतिक सुन्दरता देखते ही बनती है, जो किसी भी प्रकृति प्रेमी को मन्त्र मुग्ध करने में सक्षम है. कोचीन शहर से मात्र 140 किलोमीटर की दूरी पर बने इस हिल स्टेशन की छटा देखते ही बनती है. मुन्नार का शाब्दिक अर्थ है जहाँ तीन नदियाँ मिलती हैं और यहाँ मिलने वाली तीन नदियों का नाम है मुदीरापुज्ह्हा, नल्लातन्नी और कुंडली. यहाँ मिलने वाले मसाले बहुत प्रसिद्द हैं, काजू भी अच्छे दाम पर ख़रीदे जा सकते हैं. उत्तर भारतीय व्यंजनों का स्वाद हमने टी काउंटी एस्टेट होटल रोड पर बने एक मारवाड़ी भोजनालय में लिया, जिसका उत्तर भारतीय खाना वाकई बहुत स्वादिष्ट था.
यहाँ टी गार्डन यानी की चाय के बागानों की भरमार है, टाटा का टी म्यूजियम देखने लायक है. इसके अलावा एराविकुलम राष्‍ट्रीय उद्यान, मुन्‍नार के मुख्‍य आकर्षण स्‍थलों में से एक है, इसे UNESCO विश्व विरासत यानी की वर्ल्ड हेरिटेज साईट का ख़िताब मिला हुआ है. पश्चिम घाट के पहाड़ों पर बना ये पार्क केरल का पहला राष्ट्रिय पार्क है. इसमें रहना वाली एक जंगली बकरी बहुत प्रसिद्द है जो की तमिलनाडू की राज्य पशु भी है, इसका अधिकारिक नाम है “नीलगिरी तार” इस पर डाक विभाग ने स्टाम्प भी जारी किया हुआ है.
दक्षिण भारत की सबसे ऊंची चोटी, अनामुडी चोटी इस नेशनल पार्क के अंदर ही स्थित है, जिसकी ऊंचाई 2695 मीटर है। मुन्‍नार से 13 किमी. की दूरी पर स्थित मट्टुपट्टी बांध देखने लायक स्थान है. चारों तरफ पहाड़ों से घिरी मुदीरापुज्ह्हा नदी में स्पीड बोट पर जा कर मजा ही आ गया. यहाँ केरल टूरिज्म ने “फ़िश पेडीक्योर” की व्यवस्था की हुई है जो मात्र 100 रूपए में उपलब्ध है, ये पेडीक्योर यहाँ विशेष तौर पर लाई गयी “डाक्टर मछली” या “कांगल मछली” करती है, जो आकार में बहुत छोटी है और सीधे आपके पैरों पर लिपट कर उसकी मैल को खाने लगती है और पैरों को आनंद का एक नया अनुभव प्रदान करती हैं. हमने भी इसका आनंद उठाया और यकीन मानिए ये यादगार लम्हा साबित हुआ. पल्‍लीवसल और चिन्‍नाकनाल ( जो पॉवर हाउस वॉटरफॉल्‍स के नाम से भी जाने जाते हैं) जिनको देख कर आनंद आ गया.
टॉप स्‍टेशन, मुन्‍नार का सबसे ऊंचा प्‍वाइंट है जहां से मनोरम दृश्‍य देखने को मिलते हैं, वापसी में थेकड़ी आते हुए रास्ता बहुत ही मनोरम है. बल खाती पतली काली सडकें प्रकृति के सौन्दर्य में चार चाँद लगा देती हैं. यहाँ रास्ते में आपको बहुत से स्पाइस गार्डन भी मिलते हैं, जिन्हें देख कर बहुत ज्ञान मिला. मुन्नार देखने के लिए आपको किसी ख़ास मौसम का इंतज़ार नहीं करना पड़ता आप वर्ष में किसी भी महीने में यहाँ आ सकते हैं. तो कब आ रहे हैं आप......मुन्नार!!!!



















16 comments:

  1. Lovely place and wonderful narration

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  2. Lovely place and wonderful narration

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  3. A vivid detail, good work, keep exploring.

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  4. Very nice place, would like to visit one day.

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  5. श्रीमान जी को सादर प्रणाम। सर आपने मुन्नार के बारे में इतने अच्छे तरीके से बताया है कि वहाँ जाने का मन हो गया। आपके द्वारा शुरू किया गया ब्लॉग वाकई में वहुत ही ज्ञानवर्धक है। मैंने अपने भांजे को जो कि भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रहा है,आपका ब्लॉग पढ़ने का सुझाव दिया है।

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया अलोक जी

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  6. Beautiful location and systematic presentation.......

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  7. Lovely place as described by you

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  8. Appears to be nice.feel like visiting one day.i hv heard pedicure fish from somewhere else but not able to correlate

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  9. ऋषिराज जी आपकी लेखन शैली प्रभाव बहुत ही उत्करष्ट है | बहुत ही सुंदर और सजीव तरीके से मुन्नार का वर्णन किया है| अब तो मेरा भी मुन्नार जाने की इच्छा कर रही है| अपना ब्लॉग शेयर करकर आप बहुत अच्छी ज्ञांवर्धक इन्फर्मेशन दे रहे हैं| सभी फोटो बहुत ही शानदार है| ख़ास तौर पर दूसरा और तीसरा फोटो और उम्मीद करता हूँ कि भविश्य मै और ज़्यादा रोमांचक यात्रा यात्रा का ब्लॉग करें और सभी ब्लॉग एक पुस्तक मै अभिव्यक्त करें| आपकी कैलाश दर्शन पुस्तक बहुत ही प्रभावशाली थी| अतुल्य भारत की खोज की कॉपी मुझे नही मिल पाई यदि आपके के पास हो तो कृपया ज़रूर शेयर कीजिए| बहुत धन्यवाद ऋषि जी |

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    1. विन्ध्य प्रताप जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद. आपका एक एक शब्द मुझे एक नई उर्जा प्रदान करता है.

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