Sunday 13 November 2016

गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव पर गुरुद्वारा कोट लखपत, कच्छ के दर्शन

प्रिय मित्रों

सादर नमस्कार!!!

आज गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव पर आपको उनसे जुड़े एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान पर ले कर चलता हूँ, और ये है,  गुजरात के सर क्रीक के पास बना कोट लखपत क्षेत्र।  एक ज़माने में यहाँ एक बहुत बड़ा बंदरगाह था जहाँ से कई देशों के लिए माल और जहाज़ जाते थे। 1819 तक सिंधु नदी इसी किले के मुहाने तक आती थी। 1819 तक खुशहाल इस क्षेत्र को प्राकृतिक आपदा ने वीरान कर दिया और सिंधु नदी को भी चालीस मील दूर धकेल दिया। पाकिस्तानी क्षेत्र का कराची प्रान्त यहाँ से चंद किलोमीटर बाद ही शुरू हो जाता है। अत्यन्त साधारण दिखाई देने वाले इस गुरूद्वारे के कण कण में आप गुरु नानक देव जी की पवित्र उपस्थिति को महसूस कर सकते हैं। उनके द्वारा यहाँ की दीवारों पर लिखे गए उपदेश आज भी सहेज कर रखे गए हैं जो आसानी से देखे जा सकते हैं।

गुरु नानक देव जी मक्का जाते हुए चालीस दिनों तक इसी गुरूद्वारे में रुके थे। इसके बाद एक बार पुनः वो यहाँ पधारे थे। गुरुद्वारा नानक दरबार में आज भी गुरु नानक जी के खड़ाऊ, सोटा और झूला रखा हुआ है। हिन्दू ही नहीं अपितु मुस्लमान भी उनको अपना गुरु मानते थे। हम सब अत्यन्त सौभाग्यशाली हैं, जिन्हें गुरु नानक देव जी जैसे संतों का ओजस्वी मार्गदर्शन मिला है।

उनके प्रकाश उत्सव पर उनको ह्रदय की गहराईयों से नमन और आप सभी को लख लख बधाइयाँ।

4 comments:

  1. Dhan guru nanak tu hi nirankar....

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  2. Dhan guru nanak tu hi nirankar....

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  3. Satguru Ji Maharaj .thwadi Jai jai Kaar

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  4. Dear Rishi Ji
    Through your regular posts we are getting historical information which otherwise is not available to us. Good job. Keep it up. Best wishes.

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