Saturday 17 September 2016

महान क्रन्तिकारी मदन लाल ढींगरा के जन्मदिन पर उनको शत शत नमन

प्रिय मित्रों

सादर नमस्कार !!!

आज एक महान क्रांतिकारी मदन लाल ढींगरा का जन्मदिन है. आईये उनको श्रधा सुमन अर्पित करें. इनका जन्म आज ही के दिन यानि 18 सितम्बर 1883 को अमृतसर के एक संपन्न परिवार में हुआ और उन्होंने क्रांति के शुरुवाती दिनों में लन्दन में कर्जन वायली की हत्या कर देश में सनसनी फैला दी. वो 1905 में लन्दन में इंडिया हाउस में श्याम जी कृष्ण वर्मा और वीर सावरकर से जुड़ गए. असल में लन्दन में वो उच्च शिक्षा प्राप्त करने गए थे.

अमृतसर में उनके पिता जी मुख्य सिविल सर्जन थे. उन्होंने मदन लाल को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए लन्दन भेजा ओर वहां वो वीर सावरकर और श्याम जी कृष्ण वर्मा जैसे महान क्रांतिकारियों  के संपर्क में आ गए. सावरकर ने ही मदनलाल को “अभिनव भारत”  नामक क्रान्तिकारी संस्था का सदस्य बनाया और हथियार चलाने का प्रशिक्षण भी दिया. धींगरा उस समय लन्दन के इंडिया हाउस में ही रह रहे थे जो क्रांतिकारियों को एकजुट करने का मुख्य केंद्र था. एक के बाद एक भारतीय क्रांतिकारियों को फाँसी पर चडाने के कारण इन सभी में भारी आक्रोश था और फिर एक जुलाई 1909 को कर्ज़न वायली इंडियन नेशनल एसोसिएशन के कार्यक्रम में भाग लेने आए तो मदन लाल धींगरा ने पांच गोलियां उनके चेहरे पर मार दी.

आख़िरकार 29 अगस्त 1909 को मदन लाल धींगरा को फाँसी दी दी गयी. इनकी क्रन्तिकारी गतिविधियाँ इनके घर वालों को पसंद नहीं आई और इनके पिता जी ने बाकायदा अख़बार में इश्तिहार दे कर अपना और अपने परिवार का इनसे सम्बन्ध विच्छेद कर लिया. अमृतसर के मुख्य चौराहे पर इनकी आदम कद मूर्ति लगाई है और अमृतसर के बस अड्डे का नाम भी इन्ही पर रखा गया है. इस महान क्रन्तिकारी को शत शत नमन. 

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