12 दिसंबर को एक ऐसे शूरवीर का बलिदान दिवस था, जिन्हें भारत का सबसे सुसज्जित सैनिक यानि की मोस्ट डेकोरेटेड सैनिक भी कहा जाता है. दूसरे विश्व युद्ध में उन्हें विक्टोरिया क्रॉस और फिर वर्ष 1947-48 की कश्मीर की लड़ाई में उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था। इस शूरवीर का नाम है -जमेदार नन्द सिंह. इस अवसर पर समस्त देश वासियों की ओर से उनकी शहादत को नमन।
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इन्होने बर्मा में अभूतपूर्व वीरता का प्रदर्शन किया जिसकी वजह से इन्हें उस समय के सर्वोच्च सेना सम्मान "विक्टोरिया क्रॉस" से सम्मानित किया गया. देश आज़ाद होते ही हमारे ऊपर पाकिस्तान ने युद्ध थोप दिया और कश्मीर पर कब्ज़ा करने के लिए वहाँ हमला बोल दिया. उड़ी सेक्टर में जहाँ नन्द सिंह साहब की तैनाती थी उन्होंने पूरी वीरता के साथ दुश्मन का सामना किया और अत्यंत साहस और बुद्धिमता का प्रदर्शन करते हुए दुश्मन को भारी नुकसान पहुँचाया, पर उन्हें अपना सर्वोच्च बलिदान देना पड़ा. कहा जाता है कि दुश्मन को जब उनके मृत शरीर पर "विक्टोरिया क्रॉस" का रिबन लगा दिखाई दिया तो उन्होंने उनकी लाश को ट्रक से बांध कर घुमाया और कहीं फ़ेंक दिया।
वर्ष 2018 में अपने लन्दन प्रवास के दौरान मुझे "हाइड पार्क" में जाने का सुअवसर मिला जहां विश्व युद्ध में विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित जांबाज़ सैनिकों की याद में स्मारक बना हुआ है। यहां नन्द सिंह साहब का नाम देख गर्व की अनुभूति हुई। इस महान योद्धा को शत शत नमन।
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Hyde Park Memorial, London |
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Hyde Park Memorial, London |
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Jemadar Nand Singh, VC, MVc, (Photo Courtesy Lest we forget) |
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