Sunday 4 March 2018

विशाखापत्तनम में बना कुरसुरा पनडुब्बी म्यूजियम

प्रिय मित्रों

सादर नमस्कार

आज आपको एक ऐसे म्यूजियम की सैर पर ले कर चल रहा हूँ जो म्यूजियम कम और जीता जागता इतिहास ज्यादा है, जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में रामकृष्णा मिशन बीच पर बना "कुरसुरा पनडुब्बी म्यूजियम" जहाँ भारतीय नौसेना की चौथी पनडुब्बी “कुरसुरा” जीवान्त खड़ी है. भारतीय नौसेना में इसका आगमन 18 दिसंबर 1969 को हुआ था, इसका निर्माण सोवियत रूस में हुआ था. ये म्यूजियम दक्षिण पूर्वी एशिया का अपनी तरह का पहला और एक मात्र म्यूजियम है जिसका उद्देश्य आम भारतीय नागरिकों को ये एहसास करवाना है की आख़िरकार एक पनडुब्बी काम कैसे करती है इसके साथ साथ लोग भारतीय नौसेना के गौरवपूर्ण इतिहास से भी रुबुरु होते हैं.

1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में इस पनडुब्बी की तैनाती अरब सागर में की गयी थी, अपने कौशल और मारक क्षमता से दुश्मन के दांत खट्टे कर दिए थे. अंत: 31 साल की सेवा के बाद इसको 27 फरवरी 2001 को आराम दे दिया गया और आम जनता के लिए इसको म्यूजियम की शक्ल में यहाँ स्थापित कर दिया गया. कहा जाता है कि इसको म्यूजियम की शक्ल देने का सुझाव एडमिरल पसरीचा का था. इस पनडुब्बी को मुख्य सागर से तट तक तक खींच कर लाना एक चुनोती पूर्ण कार्य था जिसको पूरा करने में 18 महीने लग गए और फिर 9 अगस्त 2002 को इस म्यूजियम का उद्घाटन आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री डाक्टर चन्द्र बाबु नायडू ने किया था.इस पनडुब्बी पर कुल 75 नौसैनिक रहा करते थे. रोजाना हजारों की तादाद में लोग “कुरसुरा” को देखने आते हैं. लोगों को इस पनडुब्बी की जानकारी देने के सेवा निवृत नौ सैनिकों को ही यहाँ तैनात किया गया है.

बचपन से ही मैं भी बहुत उत्सुक था आख़िरकार पनडुब्बी काम करती कैसे है- एक पनडुब्बी 48 घंटों तक निरंतर पानी में पूरी तरह से डूब कर चल सकती है और एक बार में निरंतर 60 दिनों तक समुद्र में चल सकती है चुपके चुपके दुश्मन के इलाके में घुस कर विध्वंस कर सकती और न जाने क्या क्या क्या ?? किस्से तो बहुत सुने थे पर जब इस पनडुब्बी पर चढ़ा तो मानो रोंगटे खड़े हो गए जब देखा की किन कठिन हालातों में हमारे नौसैनिक इस पर रह कर अपने देश की सुरक्षा में लगे रहते हैं जहाँ पल पल बिताना भी किसी चुनौती से कम नहीं होता.




















इन जांबाज़ नौसैनिकों को मेरा नमन जय हिन्द जय भारत.

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