Monday 5 February 2018

कैप्टेन कपिल कुंडू की शहादत पर उनको नमन

बीते रविवार को हमारे कायर पडोसी ने एक बार फिर सीज फायर का उलन्घन किया जिसमे हमारी सेना के 3 जवान और एक कैप्टेन शहीद हो गये इनमें एक की उम्र 42 वर्ष थी और बाकी तीन शूरवीरों की उम्र ने बीस के सांचे को पार भी नहीं किया था. किसी भी वीर की शहादत को कम या ज्यादा कर के नहीं आँका जा सकता पर इन सभी में एक ऐसा शख्स भी था जिसका मानना था की ज़िन्दगी लम्बी हो या न हो पर बड़ी जरूर होनी चाहिए और उसने ये कर दिखाया उस ने अपनी ज़िन्दगी को इतना बडा बना दिया की जब तक ये धरती ये चाँद सितारे रहेंगे उसका नाम भारत माता के सपूतों में गिना जायेगा, 22 वर्ष 11 महीने की आयु में देश के लिए शहीद होना उनको अमर कर गया है. आप और मैं इतने सौभाग्शाली नहीं हैं की दुनिया हमें सदैव याद रखेगी पर इन शहीदों की शहादत को हम सभी भारत वासी सदैव याद रखेगे. मात्र चार दिन पहले ही कपिल को लेफ्टिनेंट से कैप्टेन के पद पर उन्नति मिली थी. गुरुग्राम से 30 किलोमीटर दूर पटौदी के गाँव रणसिका में उनको अंतिम विदाई देते हुए उनकी माता जी ने कहा की कपिल को मैंने देश की हिफाज़त के लिए था और इस काम को उन्होंने बखूबी अंजाम दिया है और अब उनकी अंतिम विदाई मैं रो कर नहीं अपितु पूरे गर्व के साथ दूंगी उन्होंने एक टी वी चैनल से बात करते हुए कहाँ कि अगर उनका एक बेटा और होता तो उसे भी वो सेना में भेजती. सलाम है ऐसी शूरवीर माताओं को जो ऐसे शेरों को जन्म देती हैं जो हँसते हँसते देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर देते हैं. कैप्टेन कपिल कुंडू के पिता का देहांत चार वर्ष पूर्व हो गया था उनकी दो बहनें और दोनों विवाहित हैं. आगामी 10 फरवरी को शहीद कपिल कुंडू का जन्मदिन है, स्वभाव से अंतर्मुखी कपिल, सेना प्रमुख के पद तक जाने की मंशा रखते थे. उनकी आखों की चमक उनके इस भाव को ओर मजबूती प्रदान करती थी. इस घटना में शहीद होने वाले अन्य तीन सैनिक थे रायफलमैन राम अवतार, रायफलमैन शुभम सिंह व् हवालदार रोशन लाल. इन चारों शूरवीरों को मेरे और सम्पुर्ण राष्ट्र की ओर से शत शत नमन.
ऋषि राज

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