Wednesday 12 July 2017

सावन मास में यात्रा श्री भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की

प्रिय मित्रों,

सादर नमस्कार !!

सावन का महीना शुरू हो चुका है और भोले नाथ की जय जय कार की गूँज सर्वत्र सुनाई दे रही है. आज मैं आपको महादेव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक, श्री क्षेत्र “भीमा शंकर” की यात्रा पर ले कर चल रहा हूँ. भीमा शंकर महाराष्ट्र के पुणे शहर से मात्र 125 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, यहाँ आप पुणे से राजगुरु नगर-मंचर–तालेघर होते हुए पहुँच सकते हैं. सहयाद्री की पहाड़ियों पर बना भीमाशंकर मंदिर का रास्ता घने जंगलों से होकर निकलता है. समुद्र तल से इसकी ऊंचाई लगभग 3500 फीट है. प्राकृतिक नजारों से भरपूर ये रास्ता ऐसा लगता है मानो आप स्वर्गारोहण के लिए जा रहे हैं. देखा जाए तो भोलेनाथ के अधिकांश प्राचीन मंदिर ऐसे ही नयनाभिराम जगहों पर हैं. इस स्थान के दर्शन कर मुझे विशेष तौर पर मध्य प्रदेश के पचमढ़ी की याद आती है जहाँ भोले नाथ के प्राकृतिक रूप से निर्मित कई सारे मंदिर हैं.  

भीमा नदी का उद्गम स्थल मंदिर के नजदीक से होता है, इसी भीमा नदी को पंढरपुर में चन्द्रभागा के नाम से पुकारते हैं क्यूंकि वहां ये नदी चन्द्र का आकार ले लेती है. भीमा शंकर आते हुए रास्ते में राजगुरु नगर शहर का नाम अमर शहीद राजगुरु के नाम पर रखा गया है. उनका पुश्तैनी मकान बिलकुल भीमा नदी के किनारे बना हुआ है. आप जब भी यहाँ आएं तो राजगुरु जी के पैतृक निवास के दर्शन न करना भूलें.  

कहा जाता है कि त्रेता युग में त्रिपुरासुर नामक दैत्य ने भोलेनाथ की अराधना की थी जिससे भोलेनाथ यहाँ प्रकट हुए थे. हिन्दू पुराणों के अनुसार जिस जिस स्थान पर भोले नाथ प्रकट हुए थे वहीँ ज्योतिर्लिंगों की स्थापना हुई है. हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दाद्श ज्योतिर्लिंग अत्यंत पवित्र स्थल माने गए हैं. शिव पुराण में बारह ज्योतिर्लिंगों के नाम निम्न लिखित हैं :-

सौराष्ट्र सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम
उज्जयिनयां महाकल्मोकारे परमेश्वरम
केदारं वित्प्रष्ठे डाकिन्यां भीमशंकरम
वाराणस्यां च विश्वेसं त्रियंबकं गौतमीतेटे
वैद्यनाथं चिताभूमौ नागेशं दारुकावने
सेतुबन्धे च रामेशं घुश्मेशं तू शिवालये
द्वादशेतानि नामानि प्रातरूत्थाय यः पठेत
सर्वपौर्विर्निर्मुक्त सर्वसिद्धिफलं लभेत


आप इस संस्कृत श्लोक से 12 ज्योतिर्लिंगों स्थानों को चिन्हित करने का प्रयास करें, महादेव  ने चाहा तो आगे आपको बाकी ग्यारह ज्योतिर्लिंगों की यात्रा पर भी ले कर चलूंगा. सावन का ये पवित्र मास आप सभी के लिए ढेरों खुशियाँ ले कर आए ऐसी मेरी कामना है. हर हर महादेव.










12 comments:

  1. ॐ नमः शिवाय।। क्षम्यतां क्षम्यतां नाथत्वया विभ्रमकारक।
    तृणे कश्च कुठारे वै हन्यतां शीघ्रमेव हि।।
    इति संप्रार्थित: शम्भु: सर्वान रक्षोगणान्प्रभु:।
    हुंकारेणैव चास्त्रेण भस्मसात्कृतवांस्तदा।। सुंदर एवं सजीव चित्रण। आप को अनेकानेक साधुवाद।

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद शुक्ल जी

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  2. Har har mahadev.Apka.bahut bahut dhanywaad.

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    1. आपका हार्दिक धन्यवाद नयनतारा जी

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  3. Sirji mujhe bhi darshan ka saubhagya mila hi atyant ramniya sthal hi...aapki satik jankario ka labh sabhi ko milta rahe...dhanyabad

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  4. जय भीमा शंकर।।


    श्रावण मास में भगवान शंकर के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक भीमा शंकर ज्योतिर्लिंग के दर्शन कराने हेतु आपका धन्यवाद सर।।

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    1. विनोद जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद

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  5. जय हो भोलेनाथ।।।।।

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  6. जय हो भोलेनाथ।।।।।

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