Sunday 16 October 2016

लेह में गुरुद्वारा श्री पत्थर साहिब जी के दर्शन

प्रिय मित्रों

सादर नमस्कार!!!

आज मैं आपको लेह क्षेत्र में बने एक ऐसे गुरूद्वारे के दर्शन करवाता हूँ, जहाँ वर्ष 1517 में गुरु नानक देव जी ने स्वयं पधार कर आम जनता को एक राक्षस के आतंक से बचाया था और उनके यहाँ तपस्या किए जाने के कारण यहाँ गुरुद्वारा स्थापित हुआ और इसका नाम रखा गया पत्थर साहिब गुरुद्वारा.

जब गुरु नानक देव यहाँ तपस्या में लीन थे, तभी उस राक्षस ने उनकी हत्या के इरादे से एक बडा चट्टान का पत्थर उनकी ओर धकेल दिया, जैसे ही उस पत्थर का स्पर्श गुरु नानक जी की देह से हुआ, तभी वो मोम में बदल गया और पत्थर का जो भाग गुरु नानक देव से टकराया वहां एक गड्डा बन गया. आज भी कई श्रदालुओं को उस भाग में गुरु नानक देव के दर्शन होते हैं.

इस गुरूद्वारे का रख रखाव भारतीय सेना द्वारा किया जाता है और हर समय लंगर का प्रशादा मुहैया करवाया जाता है. हमने भी यहाँ प्रशादे के रूप में गरमा गर्म हलवे और चाय का सेवन किया.
वाहे गुरु जी खालसा वाहे गुरु जी की फ़तेह.







10 comments:

  1. Sir kewal tarif Ke kabil pray as kahna bahut kam hoga aapne desh Ke saniko Ke sarahniy karyo ko Aam logo ko sulabh kar diya hai heart felt thanks to u n salute to ur pious attitude regards

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  2. Wahe guru ji ka khalsa wahe guru ji ki fateh

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  3. Wahe guru ji ka khalsa wahe guru ji ki fateh

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  4. प्रभु श्री परम गुरुदेव गुरु नानक जी को शत शत नमन।
    सर आपके प्रयसों से जो हमें इस पवित्र " पत्थर गुरुद्वारा" के दर्शन प्राप्त हुए उसके लिए भी आपको शत शत नमन।

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  5. We have many divine strories which remain unlold and are heard locally only.Guruan nu lakh lakh namaskar. .

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  6. We have many divine strories which remain unlold and are heard locally only.Guruan nu lakh lakh namaskar. .

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