प्रिय मित्रो,
सादर नमस्कार!!!
आज मै आपको अपने शहर दिल्ली की एक ऐसी जगह ले कर
चल रहा हूँ, जिसका इतिहास महाभारत के काल से शुरू होता है और आज के युग में भी यह
जगह काफी लोकप्रिय हैं. जी हाँ मित्रों इस जगह का नाम है “अग्रसेन की बावड़ी”.
मूलतः इसका निर्माण पानी को संग्रहित करने के लिए किया गया. यहाँ मैं बताना
चाहूँगा की बावड़ी को गुजराती में वाव कहा जाता है और हिंदी में बावली कहा जाता है
और राजस्थानी में इसको बावड़ी कहा जाता है. इस बावड़ी की चौड़ाई 15 फीट और लम्बाई 60
फीट है. अग्रसेन की बावड़ी में कुल 103 सीढींयों है. इस बावड़ी में आमिर खान की “पी
के” और सलमान खान की “सुल्तान” की भी शूटिंग हो चुकी है.
दिल्ली के दिल कनाट प्लेस के पास कस्तूरबा
गाँधी मार्ग पर केनिंग रोड के पास बने “ए एस आई” द्वारा संरक्षित स्थल का निर्माण
अग्रवाल समाज के संस्थापक राजा अग्रसेन ने किया. 14 वीं शताब्दी में इस बावड़ी का जीर्णोद्वार
किया गया. एक ज़माने में इसमें पानी बिलकुल ऊपर तक भरा रहता था, पर अब तो
केवल बारिश के मौसम में ही पानी के दीदार होते हैं. कहा जाता है एक ज़माने इसका
जुडाव यमुना नदी के साथ भी था. तो आप कब जा रहें हैं इस बावड़ी को देखने??
Very Informative
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