इस बात को तो आप भी मानेंगे
की हमारे देश में क्रिकेट को एक मजहब के तौर पर जाना जाता है जिसमे केवल और केवल
एक ही जाति सर्वोपरि होती है और वो है “भारतीयता”. ये एक ऐसा जूनून है जो भारतीय
होने के नाते हमारे शरीर में ऊपर से ही “इन बिल्ट” हो कर आता है. आज से 35 वर्ष
पूर्व यानि कि 25 जून वर्ष 1983 का दिन एक ऐसा दिन है जिसकी यादें की महक आज भी हर
हिन्दुस्तानी के ज़ेहन में मौजूद है. कपिल देव के हाथों में प्रुडेंशियल कप के तौर
पर वो हमारा पहला विश्व कप लगता है, मानो कपिल भाजी ने नहीं बल्कि हमने स्वयम
उठाया हुआ है. पिछले सप्ताह इन्ही मीठी मीठी स्मृतियों को संजो कर मैं इंग्लैंड के
लॉर्ड्स स्टेडियम में गया, यहाँ इंग्लैंड की सरकार द्वारा लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड
का एक टूर करवाया जाता है जिसमें स्टेडियम के सभी महत्वपूर्ण हिस्सों को दिखाया
जाता है और इसके स्वर्णिम इतिहास से रूबरू करवाया जाता है. लॉर्ड्स को क्रिकेट की
दुनिया का “मक्का” माना जाता है. इस ग्राउंड पर खेलना हर क्रिक्केटर का ख़्वाब होता
है.
इस टूर में मुझे उस
ड्रेसिंग रूम और बालकनी में जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ जहाँ कपिल देव और बाकी
भारतीय टीम ने भारत का पहला वर्ल्ड कप दुनिया को दिखा कर ये बता दिया था कि आने
वाले समय में भारत क्रिक्केट की महाशक्ति बनेगा और भारत अपनी प्रतिभा के दम पर पूरी
दुनिया को अचंभित कर देगा और हुआ भी बिलकुल यही. आज पूरा विश्व, क्रिकेट में भारत
के वर्चस्व को सर माथे पर रखता है. भारत का क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड कितना
शक्तिशाली है ये तो आप सभी जानते ही हैं. लॉर्ड्स के विसिटिंग ड्रेसिंग रूम में एक
पीला बोर्ड लगा है जिस पर गेंदबाजी और बल्लेबाजी के आंकड़े अंकित है, इस बोर्ड पर
दुनिया के तमाम धुरंधर बल्लेबाजों और गेंदबाजों के नाम अंकित हैं जिन्होंने न केवल
अपना बल्कि अपने देश का नाम भी गौरवान्वित किया है. ये आंकड़े केवल टेस्ट क्रिकेट
के हैं, एक दिवसीय मैचों के आंकड़े यहाँ प्रदर्शित नहीं किये जाते हैं. इनके लिए, शायद,
आज भी टेस्ट मैच की गुणवक्ता और प्रदर्शन ही क्रिकेट के असल मायने हैं.
क्या आप उस एकमात्र क्रिकेटर
का नाम बता सकते हैं जिसने यहाँ लॉर्ड्स में तीन बार शतक लगाए हैं????.......नहीं
याद आया, कोई नहीं मैं बताता हूँ, उनका नाम है दिलीप वेंगसरकर, लॉर्ड्स के मैदान
पर वर्ष 1979, 1982 और 1986 में ऐसा करिश्मा करने वाले वो एक मात्र क्रिकेटर हैं,
वो भी भारतीय है न गर्व की बात. किसी भारतीय खिलाडी द्वारा सबसे पहला सैकड़ा यहाँ “वीनू
मांकड़” द्वारा जड़ा गया था. वर्ष 1952 में 184 रन मार कर वीनू मांकड़ ने विश्व भर
में तहलका मचा दिया था. नवीनतम सैकड़ा 2014 में अजिंक्ये रहाणे ने जड़ा था, इसके
अलावा शतक जड़ने वालों में गुंडप्पा विश्वनाथ, रवि शास्त्री, मोहम्मद अजहरुद्दीन,
सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और अजीत आगरकर प्रमुख हैं. गेंदबाजों में बिशन सिंह
बेदी, चंद्रशेखर, कपिल देव, चेतन शर्मा, आर पी सिंह, वेंकटेश प्रसाद, प्रवीण
कुमार, इशांत शर्मा व् भुवनेश्वर प्रमुख हैं.
जून 1983 के विश्व कप फाइनल में भारत ने लॉर्ड्स
के इसी मैदान पर वेस्ट इंडीज को 43 रनों से शिकस्त दी थी. 1983 में मैं एक 8 वर्ष का बालक था पर मुझे आज
भी याद है कि उस दिन से कपिल देव मेरे “हीरो” बन गए थे. लॉर्ड्स के ड्रेसिंग रूम
के बाहर कपिल देव, दिलीप वेंगसरकर और बिशन सिंह बेदी के विशाल पेंटिंग लगे हैं, और
एक भारतीय होने के नाते मेरा सीना गर्व से फूल गया. इस टीम में निम्नलिखित सदस्य
थे :- कपिल देव (कप्तान), मोहिंदर अमरनाथ, कृष्णमाचारी श्रीकांत, रोज़र बिन्नी,
सुनील गावस्कर, यशपाल शर्मा, कीर्ति आज़ाद, संदीप पाटिल, मदन लाल, सईद किरमानी और
बलविंदर सिंह संधू. मोहिंदर अमरनाथ उप कप्तान थे और उन्हें मैन ऑफ दी मैच और मैन
ऑफ दी सीरीज का खिताब मिला. फाइनल मैच में भारत ने 183 रन बनाए जिसके जवाब में
वेस्ट इंडीज 140 रनों पर ही सिमट गयी. मदन लाल और मोहिंदर अमरनाथ दोनों ने तीन तीन
विकेट ले कर भारत का नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से अंकित कर दिया.
मेरा पुत्र कार्तिकेय अभी
11 वर्ष का है और क्रिकेट में गहन रूचि रखता है. क्रिकेट की दुनिया का शायद ही कोई
महत्वपूर्ण पड़ाव होगा जिसका उसे पता नहीं होगा. लॉर्ड्स के मैदान में भारतीय
खिलाडियों के रिकॉर्ड और तस्वीरें देख कर वो भी आश्चर्यचकित हो गया. इसके अलावा
लॉर्ड्स के म्यूजियम में असली प्रुडेंशियल कप रखा है जिसको 35 वर्ष पूर्व कपिल देव
और उनके साथियों ने लॉर्ड्स की धरती पर चूमा था. उसी कप के नीचे तस्वीर के साथ कपिल
देव का जीवन परिचय भी दिया गया है.
मैं स्तब्ध रह गया जब पता
चला कि क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले हमारे सचिन तेंदुलकर का नाम लॉर्ड्स के
किसी बोर्ड पर नहीं है, क्यूंकि लॉर्ड्स में कभी भी किसी टेस्ट मैच में उन्होंने
कोई सैकड़ा नहीं जड़ा, लेकिन उनकी महानता को कमतर नहीं आँका जा सकता है, इसी क्रम
में लॉर्ड्स म्यूजियम में उनका जीवन परिचय और उनकी एक तस्वीर लगी जो मैं आपके साथ
साझा कर रहा हूँ. लॉर्ड्स मैदान पर क्रिकेट के जनक सर डब्लू सी ग्रेस का एक बुत भी
लगा है. इनके नाम पर ही मुख्य प्रवेश द्वार का नामकरण किया है, जो सतत इनकी याद
दिलवाता रहता है. लॉर्ड्स टूर की टिकट 24 पौंड की है और इसे ऑन लाइन भी बुक किया
जा सकता है. आगामी 9 अगस्त से 13 अगस्त 2018 तक भारत की टीम लॉर्ड्स पर टेस्ट मैच
खेलेगी और फिर देखेंगे की कौन से नए रिकॉर्ड बनते हैं.
अगले वर्ष पूरी दुनिया
की नज़र एक बार पुन: लॉर्ड्स पर होंगी जब 14 जुलाई 2019 को विश्व कप फाइनल में भारत
यहाँ खेलेगा और विश्व कप एक बार फिर हमारी झोली में होगा. 125 करोड़ देशवासिओं की
प्रार्थना यही होगी की भारत 1983 का इतिहास दोहरा दे बस इस बार कपिल देव की जगह विराट
कोहली इस कप को चूमे और देश का मस्तक गर्व से ऊँचा कर दे.
Wonderful! A must place for visit. Really great experience for us and You
ReplyDeleteThank u Gaurav ji
DeleteSo beautiful stadium
ReplyDeleteYes...Really...Thnx for your comments.
DeleteNice information.very good kartikey keep it up.
ReplyDeleteVery nice Wow Rishi well explained I wish your prediction India winning world cup 2019 may prove true
ReplyDeletewah wah..
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